एक बार एक पिता अपने पुत्र के कमरे के बहार से निकला देखा की कमरा एकदम साफ़
नयी चादर बिछी हुई
और उसके उपर रखा एक पत्र मिला
इतना साफ़ कमरा देखकर पिता अचम्भित हो उठा
उसने वो पत्र खोला
उसमे लिखा था
आदरणीय पिता जी, मैं घर छोड़कर जा रहा हूँ
मुझे माफ़ करना
आपको में बता देना चाहता हूँ मैं दिव्या, वर्मा अंकल की बेटी से प्यार करता था
लेकिन दोनों परिवार की दुश्मनी को देखते हुए मुझे लगा आप सब हमारे रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे
दिव्या आपको या मम्मी को पसंद नहीं
क्योंकि वो शराब पीती है
लेकिन आप सब नहीं जानते शराब पीने वाला कभी झूठ नही बोलता
मैं सुबह में जल्दी इसलिए निकला क्योंकि मुझे उसकी
जमानत करवानी थी
वो रात कुछ दोस्तों के साथ चरस पीती पकड़ी गयी थी
ओर सबसे पहले उसने मुझे फ़ोन किया
क्या ये प्यार नहीं? वो आपको और मम्मी को गालियाँ देती रहती है उसको सास ससुर पसंद नहीं इसलिए हम सबके लिए ये ही अच्छा है हम अलग रहे
रही बात मेरी नौकरी नहीं है तो उसका भी इंतज़ाम दिव्या ने कर लिया है उसने मुझे पॉकेट मारना सिखा दिया उपर से उसके दोस्तों का अपना ड्रग्स सप्लाई का बिज़नस है, वो भी सिख ही लूँगा
अपनी लाइफ तो सेट है पापा
बस आपका आशीर्वाद चाहिए
आपका प्यारा बेटा अमित
पेज के अंत में लिखा था
PTO
पिता ने अपने कापते हाथो से पत्र पलटा तो उसपर लिखा था चिंता न करो सामने वालों के यहाँ मैच देख रहा हूँ। बस ये बताना था कि मेरे रिजल्ट से भी बुरा कुछ हो सकता है इसलिए थोड़े में संतोष करो
बगल के टेबल में रिजल्ट पड़ा है
हस्ताक्षर कर देना, कॉलेज में जमा करना है।
😂😂😂😂😂😂😂😂