मनपसंद मरम्मत का काम होने की खुशी में एक सज्जन
ने मिस्त्री को 1000
रुपये की बख्शीश देते हुए कहा:- "जा, तू भी क्या याद
करेगा....!
आज शाम को" "भाभीजी को सिनेमा ले जा" और उसके
बाद "किसी रेस्टोरेंनट में खाना खा...!"
शाम को दरवाजे की घंटी बजी, दरवाजा खोला तो।
मिस्त्री साफ-सुथरे कपडे पहने खडा था...!!
सज्जन ने उसे सिर से पैर तक देखा और
पूछा:- "कहिये मिस्त्री जी.....??"
मिस्त्री:- जी,भाभीजी को लेने आया हूँ
😂😂😂😂😂😂
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